Not known Facts About bhairav kavach

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एतद् कवचमीशान तव स्नेहात्प्रकाशितम्।



कूर्चमेकं समुद्धृत्य महामन्त्रो दशाक्षरः ॥ १६॥

गणराट् पातु जिह्वायामष्टाभिः शक्तिभिः सह ॥ १४॥

वाद्यं बाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा।।

सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः

पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ।

यो ददाति निषिद्धेभ्यः सर्वभ्रप्ो भवेत्किल।

कालभैरव भगवान शिव के रौद्र अवतार हैं। आदि शंकराचार्य ने काल भैरव अष्टक में भगवान शिव के इस रूप का वर्णन किया है। कालभैरव ब्रह्म कवच कालभैरव का एक शक्तिशाली भजन है। ऐसा कहा जाता है कि इस ढाल का जाप करने से आप जादू-टोने और अन्य शत्रुओं के हमलों से बच जाते हैं।



नमः पातु महामन्त्रः सर्वशास्त्रार्थपारगः ॥ ११॥

भगवन्सर्ववेत्ता click here त्वं देवानां प्रीतिदायकम् ।

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